भारत को अगर दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमाओं का घर कहें तो गलत नहीं होता, क्योंकि हाल के वर्षों में देश में कई ऐसी प्रतिमाएं बनी हैं, जिन्होंने दुनियाभर में भारत का नाम रोशन किया है। एक ऐसी ही प्रतिमा राजस्थान के नाथद्वारा में बन रही है, जो बन जाने के बाद दुनिया की सबसे बड़ी भगवान शिव की मूर्ति के तौर पर जानी जाएगी।
भगवान शिव की यह मूर्ति दुनिया की चौथी सबसे बड़ी मूर्ति होगी। इस परियोजना में काम कर रहे मिराज ग्रुप के एक अधिकारी प्रकाश पुरोहित ने बताया कि उदयपुर से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गणेश टेकरी में 351 फुट की बन रही यह मूर्ति अगस्त तक तैयार हो जाएगी।
साल 2012 में शुरू हुए प्रतिमा के निर्माण कार्य में हर दिन लगभग 750 श्रमिक काम कर रहे हैं। निर्माण में 2,500 टन से अधिक परिष्कृत स्टील का इस्तेमाल किया जाएगा। उच्च गुणवत्ता वाले तांबे से चमकता हुआ, शुद्ध जस्ता का उपयोग करके 110 फुट ऊंचे पेडस्टल का निर्माण किया जा रहा है।
प्रतिमा का निर्माण पूरा हो जाने पर तीन अलग-अलग दीर्घाओं को तीन स्तरों पर बनाया जाएगा, जिसकी ऊंचाई क्रमश: 20 फीट, 110 फीट और 270 फीट होगी। इसके अलावा प्रतिमा के चारों ओर लगभग 300 वर्ग फुट तक फैले क्षेत्र में एक सुंदर हरा भरा बगीचा भी बनाया जाएगा।
बता दें कि इस समय दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति भारत में ही है, जिसे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के नाम से जाना जाता है। इसकी ऊंचाई 597 फीट है। इसके अलावा दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची मूर्ति चीन का बुद्धा स्प्रिंग टेंपल (420 फीट) और तीसरी सबसे ऊंची मूर्ति म्यांमार के खटकान तुंग में लेक्युन सेक्काया की प्रतिमा है, जिसकी ऊंचाई 380 फीट है।
दुनिया की सबसे ऊंची भगवान शिव की मूर्तियों की बात करें तो इसमें नेपाल के कैलाशनाथ मंदिर, कर्नाटक के मुरुदेश्वर मंदिर और तमिलनाडु के आदियोग मंदिर का नाम आता है, जिनकी ऊंचाईयां क्रमश: 143 फीट, 123 फीट और 112 फीट है।