दीपाली अग्रवाल, टीम फिरकी, नई दिल्ली
Updated Tue, 02 Jan 2018 07:22 PM IST
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अगर आपकी नीयत सच्ची है तो आपकी मदद के लिए अपने आप हाथ बढ़ने लगेंगे। मैंगलोर की रहने वाली 34 साल की शिल्पा इसी की बानगी हैं। उनके सफर की कहानी में एक अनदेखा एक्शन है, अनसुलझी पहेली, हिम्मत भी और मदद भी।
मैंगलोर में रहने वाली शिल्पा को महिन्द्रा ग्रुप के सीईओ ने नीजि तौर पर बिजनेस में निवेश का ऑफर दिया है ।शिल्पा, मैंगलोर में हल्ली मेन रोटी के नाम से अपना मोबाईल आउटलेट चलाती हैं । शिल्पा को यह ऑफर यूं ही नहीं मिला बल्कि इसके पीछे एक कहानी है। और लड़कियों की तरह शिल्पा भी शादी के बाद पति के साथ गृहस्थी सजाने के लिए मैंगलोर आई थी। लेकिन वक्त के साथ नहीं दिया। साल 2008 से पति रहस्मय तरीके से गायब हैं। शिल्पा के पति कहां है और किस हालत में किसी को नहीं पता।
पति के गायब होने के बाद शिल्पा ने हार नहीं मानी, घर वापिस जाने के बजाय उन्होंने मैंगलोर में रहकर ही स्थितियों का सामना किया। शुरुआत में साइबर कैफे और कॉस्मेटिक की दुकान में काम किया। पूरे दिन काम करने के बाद भी महीने के आखिर में 5-6000 बमुश्किल मिल पाते थे।
तब उन्होंने अपने भाई से बात की और अपनी कुछ सेविंग्स निकाली कुछ मदद ली और खरीदी एक बोलेरो पिकअप, इस पर खाना बनाने का काम शुरू किया। वक्त के साथ काम चल निकला। आज शिल्पा रोजाना 6-7000 हजार रुपये लेकर घर जाती हैं। खुद को संभालने के साथ साथ वह पूरे परिवार को संभाल रही हैं। शिल्पा की कहानी जानने के बाद ही महिंद्रा की तरफ से मदद के लिए हाथ बढ़ा। उन्होंने इच्छा जताई कि शिल्पा के लिए एक आउटलेट खुलवाना चाहते हैं क्योंकि शिप्ला की कहानी भी बोलेरो राइजिंग की तरह है।