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कुछ विज्ञानिकों के हाथ एक खज़ाना लग गया है। ये खज़ाना मध्य प्रदेश के चित्रकूट से मिला है। असल में वहां रिसर्च कर रहे कुछ लोगों को 1.6 बिलियन साल पुराना रेड एलगी का फॉसिल मिला है। इससे एक बात पता चलती है कि धरती पर मल्टी सेल्यूलर जीव कई साल पहले से पाए जाते रहे हैं। अब तक इस वक़्त को कम माना जाता था।
पीएलओएस बायोलॉजी जर्नल में छपे लेख के अनुसार वैज्ञानिकों को 2 जीवाश्म मिले हैं जो रेड एलगी से मिलते-जुलते हैं। इनमें से एक धागे के आकार में है और एक में फ्लेश की कॉलोनी दिख रही है। ये चित्रकूट के सेडीमेंटरी पत्थरों में मिले हैं।
इनमें वैज्ञानिकों को ऐसे कई कारक मिले हैं जो कि रेड एलगी से मिलते हैं। इनमें सेल का अंदरूनी स्ट्रक्चर, स्प्लेइंग फ़िलामेंट आदि शामिल हैं।
आप इस बात को लेकर 100% संतुष्ट नहीं हो सकते क्योंकि इसका डीएनए नष्ट हो चुका है लेकिन इसकी मोर्फोलोजी रेड एलगी से बहुत मिलते हैं। धरती पर जीवन का अब तक सबसे पुराना उदाहरण 3.5 बिलियन साल पुराना है। ये एक कोशिकीय जीव थे। यानी सिंगल सेल्ड जीव। वैज्ञानिक अभी तक मल्टी सेल्यूलर यूकेरोइट्स की उम्र का सही-सही पता लगाने में अक्षम रहे हैं।
इससे पहले सबसे पुराना रेड एलगी 1.2 बिलियन साल पुराना है। ये भारतीय फॉसिल उससे 400 मिलियन साल पुराने हैं। इनसे पेड़ों के जीवन को और करीब से समझने का मौका मिलेगा।
स्टेफेन बेंग्सटन कहते हैं कि धरती पर जीवन हमारी सोच से बहुत पहले ही शुरू हो गया था। रिसर्च ग्रुप को इस फॉसिल में एक्स रे की मदद से झांकने का मौका मिला। इसे टोमोग्राफ़िक माइक्रोस्कोपी कहते हैं। ये एक बेहद आश्चर्यजनक बात है कि दुनिया का सबसे पुराना फॉसिल भारत में मिला है। ये एक असली खजाना है और वैज्ञानिक लगातार इसपर काम कर रहे हैं।