इस जीव को प्रकृति ने दिया है 'अजर-अमर' होने का वरदान, लेकिन नहीं है इसके पास दिमाग
टीम फिरकी, नई दिल्ली
Published by:
Ayush Jha
Updated Sun, 08 Dec 2019 02:10 PM IST
jelly fish
- फोटो : pixabay
कहते हैं कि इस धरती पर जितने भी जीव उनका मरना तय हैं। प्रकृति ने उनकी आयु पहले से ही निश्चित कर रखी है, यानी उस निर्धारित आयु के पूरा होते ही उनकी मृत्यु हो जाएगी और अपने यहां शास्त्रों में ही मृत्यु को अंतिम सत्य माना गया है, लेकिन इस धरती पर एक ऐसा जीव भी मौजूद है जिसकी उपर प्रकृति का यह कानून लागू नहीं होता, कहने का मतलब है प्रकृति ने उसे 'अमरता का वरदान' दिया है।
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इसे जेलीफिश कहते हैं, जो अपने अजीबोगरीब गुण की वजह से दुनियाभर में प्रसिद्ध है। माना जाता है कि जेलीफिश का जीवन समुद्र में 65 करोड़ साल पहले शुरू हो चुका था। ये तमाम समुद्र में हैं, समुद्र की गहराई में भी हैं और ऊपरी सतह पर भी दिख जाती हैं।
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दरअसल, जेलीफिश एक प्रकार की मछली है। दुनियाभर में इसकी 1500 से भी ज्यादा प्रजातियां हैं। यह दिखने में पारदर्शी होती हैं, लेकिन इंसानों के लिए यह बेहद ही खतरनाक भी होती हैं। यह अपने डंक से किसी भी इंसान को पलभर में मौत की नींद सुला सकती है।
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जेलीफिश समुद्र की अथाह गहराइयों में पाई जाती हैं, जहां सूरज की रोशनी भी नहीं पहुंच पाती, इसलिए इंसानों को इनसे ज्यादा खतरा महसूस नहीं होता। कहा जाता है कि धरती पर जेलीफिश का अस्तित्व सदियों पुराना है। यह डायनासोर के काल से ही धरती पर मौजूद हैं।
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जेलीफिश दुनिया की इकलौती ऐसी मछली है, जिसमें 95 फीसदी तक पानी होता है। इसी गुण के कारण यह मछली पारदर्शी दिखाई देती है। कहा जाता है कि जेलीफिश के पास दिमाग नहीं होता है, इसी कारण उसके आसपास हमेशा छोटी-बड़ी मछलियों का झुंड जमा रहता है, क्योंकि वो इसके आसपास खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं।
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जेलीफिश की लंबाई औसतन छह फीट तक होती है और इसका वजन 200 किलोग्राम तक होता है। अब तक की सबसे बड़ी जेलीफिश अमेरिका के समुद्र में मिली थी, जिसका लंबाई 7.6 फीट थी और उसकी मूंछें 120 फीट लंबी थीं।
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जेलीफिश दिखने में तो बहुत खूबसूरत लगती हैं, लेकिन अगर उनकी मूंछें किसी इंसान की त्वचा से छू जाएं तो उनका तत्काल इलाज कराना पड़ता है, क्योंकि उनकी मूंछें इतनी जहरीली होती हैं कि वो त्वचा को काफी नुकसान पहुंचाती हैं।
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जेलीफिश को कभी न मरने वाला जीव कहा जाता है, क्योंकि इसके अंदर ऐसी खासियत होती है कि इसको अगर दो भागों में भी काट दिया जाए तो यह मरती नहीं है, बल्कि उन दोनों भागों से अलग-अलग जेलीफिश का जन्म होता है।