विस्तार
जमाना इतना मॉडर्न होता जा रहा है कि इंसान को भी मशीन समझा जा रहा है। भावनाएं-जज्बात महज 'सेंटीमेंट' टाइप की चीज रह गई हैं। अक्सर लोगों को कहते हुए सुना जा सकता है- अरे, ये तो सेंटी हो रहा है...। ओ भाई चल अब सेंटी मत हो जाना...। वगैरह-वगैरह... सेंटी न होने के चक्कर में पारिवारिक मुकदमें वाली अदालतों में मुकदमों में इजाफा होता जा रहा है... जिसकी कोई थाह नहीं है। इनमें पति-पत्नी के अनबन के मुकदमों की संख्या कम नहीं है। दुनिया कोई भी घर शायद ही छूटा हो जहां पति-पत्नी अनबन न होती हो, लेकिन एक पति-पत्नी ऐसे... कि एक दूसरे पर एक नहीं, दो नहीं... अब तक 67 मुकदमे ठोक डाले। यह मामला देख जज भी चकरा गए और बोल उठे- अपने पूरे लीगल कॅरियर में ऐसा कभी नहीं देखा!
अनूठा मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा है। भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक ने भारत में पत्नी के खिलाफ 58 मामले दर्ज कराए हैं जबकि पत्नी ने पति पर नौ मुकदमे दर्ज कराए हैं। मुकदमे दहेज उत्पीड़न, घरेलु हिंसा, अवमानना, बच्चों की कस्टडी आदि को लेकर हैं।
सुप्रीम कोर्ट के पास 67वां मामला इस दंपती के आठ वर्ष के बच्चे की कस्टडी को लेकर पहुंचा है। न्यायमूर्ति कूरियन जोसफ और न्यायमूर्ति आर भानुमति की पीठ स्तब्ध रह गई जब उसे पता चला कि पति-पत्नी ने एक दूसरे के खिलाफ इतनी बड़ी संख्या में मुकदमे दर्ज करा रखे हैं।
न्यायमूर्ति कूरियन जोसफ ने कहा, ‘मैंने अपने पूरे लीगल कॅरियर में पति-पत्नी द्वारा एक-दूसरे पर इतनी बड़ी संख्या में मुकदमा दर्ज करने की बात कभी नहीं सुनी।’
न्यायमूर्ति जोसफ ने एक दंपती के मामले को याद करते हुए कहा कि जिसमें पति-पत्नी ने एक दूसरे पर 36 मुकदमे किए थे।
दोनों पक्षों के वकीलों ने पीठ को बताया कि दंपती वर्षों से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं और अब वह इसका समाधान चाहते हैं। जिस पर पीठ ने पति-पत्नी और उसके आठ वर्ष के बच्चे को 27 अप्रैल को अदालत में पेश होने के लिए कहा है। साथ ही पीठ ने यह निर्देश दिया है कि अंतरिम आदेश के जरिए पिता को अपने बेटे से हर शनिवार और रविवार आठ बजे सुबह से शाम सात बजे तक मिलने की छूट जारी रहेगी।
दंपती की शादी मई, 2002 में बंगलुरू में हुई थी। इसके बाद दोनों अमेरिका चले गए। वर्ष 2009 में उन्हें बेटा हुआ। इसके बाद से पति-पत्नी के रिश्ते में खटास आ गई और धीरे-धीरे स्थिति बद से बदतर होती चली गई। जिसके बाद पत्नी अपने बेटे के साथ वापस मायके चली गई। इसके बाद एक-दूसरे के पर मुकदमे ठोकने का दौर शुरू हो गया।