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Sand Artist Sudarshan Patnaik Created Beautiful Artwork Of Ins Vikrant
INS Vikrant: सेंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने बनाई 'आईएनएस विक्रांत' की खूबसूरत कलाकृति, देखकर करेंगे तारीफ
टीम फिरकी, नई दिल्ली
Published by: ज्योति मेहरा
Updated Fri, 02 Sep 2022 12:08 PM IST
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INS Vikrant Commissioning
- फोटो : twitter/sudarsansand
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विस्तार
INS Vikrant: आज भारत का पहला विमानवाहक पोत 'INS विक्रांत' भारतीय नौसेना में शामिल होने जा रहा है। ये चालक दल के लगभग 1,600 सदस्यों के लिए डिजाइन किया लगभग 2,200 कमरों वाला पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत ‘आईएनएस विक्रांत' आज पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया गया। प्रधानमंत्री ने आज केरल के कोचीन में आईएनएस विक्रांत का जलावतरण किया। खास बात ये है कि ये भारत के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा समुद्री जहाज है। करीब 20 हजार करोड़ रुपये की लागत से बने इस स्वदेशी अत्याधुनिक स्वचालित यंत्रों से युक्त विमान वाहक पोत का कोचीन शिपयार्ड में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा जलावतरण किया गया। हालांकि, इसको लेकर देश की जनता भी काफी उत्सुक है, जिसकी झलकियां सोशल मीडिया पर भी देखने को मिल रही हैं।
ऐसे में सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने एक खास कलाकृति बनाई है, दरअसल, ओडिशा के पुरी बीच पर रेत से सुदर्शन ने स्वदेशी विमानवाहक पोत ‘आईएनएस विक्रांत' की आकृति बनाई है, ये कलाकृति इतनी खूबसूरत लग रही है कि लोग इसकी तारीफ करते हुए नहीं थक रहे हैं।
सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने इस खूब सूरत कलाकृति का वीडियो और कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की हैं, जो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं। देखें वीडियो-
A Historic day for India’s efforts to become #AatmaNirbharBharat in the defence sector. The first indigenously designed and built aircraft carrier #INSVikrant will be commissioned. It will also be unveiled by Hon’ble PM @narendramodi ji. My SandArt at Puri beach in Odisha. pic.twitter.com/bLB6GZRZ2T
बता दें, ये तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया है, “रक्षा क्षेत्र में #AatmaNirbharBharat बनने के भारत के प्रयासों के लिए एक ऐतिहासिक दिन। पहला स्वदेश निर्मित और विमानवाहक पोत #INSVikrant चालू किया जाएगा।इसका अनावरण भी माननीय प्रधानमंत्री @narendramodi जी करेंगे। ओडिशा में पुरी बीच पर मेरी सैंडआर्ट।”
आईएनएस विक्रांत का सेवा में आना रक्षा क्षेत्र में भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा। ये भारत का आत्मनिर्भरता की दिशा में अहम कदम है। इससे भारत भी अमेरिका, ब्रिटेन, चीन,रूस और फ्रांस जैसे उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो जाएगा। जो स्वदेशी रूप से डिजाइन करने व विमान वाहक बनाने की क्षमता रखते हैं।
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