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अमेरिका में पिछले कुछ दिनों से जिस तरह की घटनाएं हो रही हैं उससे किसी का भी डरना लाज़मी है। दुनिया भर के लोगों को ऐसा लगने लगा है जैसे अमेरिका अब दूसरे देश के लोगों के रहने लायक नहीं रहा और ट्रंप की सरकार आने के बाद से ही लोग काफ़ी घबराए हुए हैं और कुछ अराजक तत्व हरकत में आ गए हैं।
लेकिन इन सबके बीच एक बात तो बिल्कुल साफ़ है कि अमेरिका का माहौल अभी भी खराब नहीं हुआ है। कोई भी देश लोगों से बनता है और अमेरिका के लोग इस तरह के उत्पाती लोगों को बर्दाश्त नहीं करते हैं। यही वजह है कि ट्रंप की मुस्लिम देश विरोधी नीति के विरोध में इतने सारे लोग सड़क पर उतर आए।
इस पोस्ट को 10 हज़ार से ज़्यादा लोग लाइक कर चुके हैं। शायद आपको भी इसे पढ़कर बहुत अच्छा लगा होगा। आज जहां लोग एक दूसरे को इंसान की तरह नहीं बल्कि किसी विशेष धर्म का पालन करने वाले के रूप में देखते हैं और एक दूसरे से घृणा करते हैं, वहां दूसरी तरफ़ ऐसा कुछ देखकर काफ़ी ख़ुशी मिलती है।
ये बात भले ही लंदन की हो लेकिन इससे हर पश्चिमी देश की स्थिति को समझा जा सकता है। अमेरिका में भी हमारे-आपके जैसे लोग ही रहते हैं। क्या आप बिना वजह किसी को नुक्सान पहुंचाना चाहेंगे? जो लोग इस तरह की हरकतें करते हैं वो निश्चित तौर पर मानसिक रूप से विकृत होते हैं। कोई नॉर्मल व्यक्ति कभी किसी को हानि नहीं पहुंचा सकता।
अमेरिका की स्थिति का अंदाज़ा उस भारी जन विरोध से ही लगाया जा सकता है जिसमें लोग बड़ी संख्या में सड़क पर उतर आए थे। वो अपने लिए नहीं बल्कि सालों से एक साथ रह रहे अपने साथियों के लिए विरोध कर रहे थे। जब किसी देश के इतने सारे लोग इस्लाम विरोधी नीति का विरोध करते हों तो समझ लेना चाहिए कि वो देश अभी बचा रहेगा।
जब अमेरिकी चुनावों के नतीजे आए थे और लोग कनाडा जाने के रास्ते ढूंढने लगे थे उसी बीच एक इरानी व्यक्ति को उसके पड़ोसी ने एक बहुत ही प्यारा ख़त लिख भेजा था। उसने लिखा था कि उनके परिवार को डरने की कोई ज़रूरत नहीं है। वो ज़रूरत पड़ने पर किसी भी वक़्त आकर उनका दरवाज़ा खटखटा सकते हैं।
ये बात भला किस व्यक्ति पर एक बेहतर असर नहीं डालेगी। अगर हम खुद को केवल नकारात्मक बातों से घेरे रहेंगे तो हमें दुनिया बहुत खराब लगने लगती है और कुछ भी अच्छा नहीं लगता। लेकिन ऐसी सकारात्मक घटनाएं दुनिया की स्थति को लेकर बन गई हमारी सोच को काफ़ी हद तक बेहतर करती हैं।
भले ही अमेरिका के कुछ लोग किसी भावना के प्रभाव में आकर लोगों से ईर्ष्या करने लगे हों लेकिन संसार में अभी भी अच्छे लोग हैं और उन्हीं लोगों के बल पर ये दुनिया चल रही है। कोई आम व्यक्ति कभी किसी को नुक्सान नहीं पहुंचाना चाहता बल्कि ऊंचे पद पर बैठे लोग जो पैसों के बल पर दुनिया चलाते हैं वही नफ़रत फैलाने का काम करते हैं।
अब अगर कभी भी आपको लगे कि दुनिया इंसानियत ख़त्म हो चुकी है तो लंदन की इस घटना को याद कर लीजिएगा, दिल थोड़ा हल्का हो जाएगा।