मौत के बाद भी इस देश में नहीं मिलता सुकून, कंकाल को साथ रखते हैं लोग
फिरकी टीम, नई दिल्ली
Published by:
Pankhuri Singh
Updated Sun, 23 Dec 2018 11:40 AM IST
कहते हैं दुनिया में आने के बाद हर दिन ऐसी भागमभाग है की आराम मौत के बाद ही मिलता है।ठहरिये अजूबों और विचित्रता से भरी दुनिया में एक जगह ऐसी भी है जहां मौत के बाद भी लोगों को सुकून नहीं मिलता। कहने का मतलब ये है की शरीर से जान तो निकल जाती है लेकिन चैन तब भी नहीं आता।
ये एक हैरान कर देने वाली परंपरा है जहां मृतक शरीर को जलाया तो जाता है लेकिन जलाने के बाद शरीर को घर वापिस लाकर सहेज कर रखा जाता है। ऐसा मृतक व्यक्ति को श्रद्धांजलि देने के लिए किया जाता है।हम जिस जनजाति की बात कर रहे हैं ये पापुआ न्यू गीनिया में दानी नाम से जानी जाती है।
यह पपुआ में पहाड़ो के बीछ छिपे रहने वाली जनजातियों में से एक है। दानी जनजाति अपने पूर्वजों के मरने के बाद उनके शरीर को ममी बना देते है। हैरानी वाली बात है कि यहां ममी को सुरक्षित रखने के लिए धुंए का उपयोग करते है।इस जनजाति की खोज पश्चिमी पपुआ के वामेना गांव में रहने वाले एक फोटोग्राफर ने की थी।
आज के समय में यहां के लोगों ने ममी बनाना बंद कर दिया है। लेकिन आज भी पहले के मरे हुए लोगों के शरीर को ममी बनाकर सुरक्षित रखा गया है।1938 में अमेरिकन जूलॉजिस्ट रिचर्ड आर्कबोल्ड ने पहली बार इस जनजाति के बारे में पता लगाया था।
यह जनजाति पपुआ न्यू गिनीया के मुख्य शहर से बहुत दूर है।दानी जनजाति के लोग ममी को इज्जत के साथ अपने पास रखते है। यह जगह पर्यटकों को भी काफी ज्यादा पंसद आई है इसलिए बीते कुछ सालों में यहां टूरिस्ट भी आने लगे है।