लोग अपनी खुशी को जाहिर करने के लिए अजीबोगरीब तरीके अपनाते हैं। ऐसा ही एक अजीब तरीका अपनाया मध्यप्रदेश के शिवपुरी इलाके में रहने वाले एक व्यक्ति ने जिसका नाम मुरारी है। मुरारी पेशे से एक चाय वाला है और अपनी बेटी के लिए उसने मोबाइल खरीदा। उसने अपनी बेटी के लिए पहली बार मोबाइल खरीदा है और उसे गाजे बाजे के साथ घर लेकर आया। ये चाय वाला मोबाइल खरीदने के लिए अपने साथ ढ़ोल-नगाड़ा और बग्गी साथ लेकर गया था। यह घटना लोगों में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस चाय वाले ने अपनी बेटी को बैठा कर बग्गी में जुलूस भी निकाला।
बेटी दो साल से मोबाइल मांग रही थी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मध्य प्रदेश के शिवपुरी इलाके में रहने वाले मुरारी चाय की दुकान चलाते हैं। इनकी बेटी दो साल से एक मोबाइल मांग रही थी। इसके बाद मुरारी अपनी बेटी को मोबाइल की दुकान पर ले गए। बेटी को 12,500 रूपये का मोबाइल खरीद कर दिया।
मोबाइल खरीदने के बाद मुरारी ने दुकान से घर तक ढोल-नगाड़ों और आतिशबाजी के साथ बग्गी पर बेटी को बैठा कर जुलूस निकाला। मुरारी के अनुसार, उन्होंने अपनी बेटी से वादा किया था कि जब उसके लिए मोबाइल खरीदेंगें तो ऐसा ही जुलूस निकालेंगे। जुलूस ऐसा निकालेंगे कि पूरा शहर देखेगा। ये दिन यादगार हो इसके लिए उन्होंने बैंडबाजा का भी इंतजाम किया था। सोशल मीडिया पर ये वीडियो काफी वायरल हो रहा है।
मोबाइल का करवाया फाइनेंस
मुरारी कुशवाहा शिवपुरी के नीलघर चौराहे पर चाय बेचते हैं। उन्होंने अपनी बेटी को मोबाइल खरीदने का वादा किया था। उन्हीने 12,500 का मोबाइल खरीदा और 7,500 रूपये ढोल नगाड़े और जुलूस में खर्च किए। मुरारी ने अपनी बेटी की खुशी के लिए मोबाइल फाइनेंस करवाकर खरीदा है। मुरारी ने बताया कि इन सबमें कुल खर्चा बीस हजार रूपये का हुआ। मोबाइल खरीदने की खुशी में मुरारी ने अपने दोस्तों को भी पार्टी दी थी।
बेटी ने छुड़ा दी शराब
मुरारी के अनुसार, मैं शराब पीता था लेकिन मेरी बेटी ने मुझे इसके लिए मना किया। बेटी ने कहा कि आप शराब बहुत पीते हो। शराब पीना कम करो और पैसे बचाओ। बचे पैसों से मुझे एक मोबाइल खरीद कर दे दीजिए। मुरारी ने अपनी बेटी से कहा कि चिंता न कर ऐसा मोबाइल लाऊंगा कि पूरा शहर देखेगा।
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एक पिता ने अपनी बेटी की खुशी के लिए मोबाइल फोन खरीदा। मोबाइल फोन खरीदने की खुशी में उसने बेटी को बग्गी में बैठाकर जुलूस निकाला। इस व्यक्ति का नाम मुरारी है। मुरारी ने जुलूस में ढ़ोल-नगाड़े का भी इंतजाम किया था।